आप बचपन से ही मां और दादी के हाथ का बना मगद या बेसन के लड्डू (Besan Ke Laddoo) तो खाते आ रहे होंगे! इनकी बात ही कुछ और होती है. बेसन के लड्डू (Besan Ke Ladoo) एसी मिठाई है जो घर में बनाकर एअर टाइट कन्टेनर रख दें तो 2 महिने तक खाई जा सकती है और इन्हैं बनाना भी आसान है, तो आइये बनाते हैं बेसन के लड्डू.
नारियल के लड्डू तुरत फुरत बनने बाले लड्डू हैं, लेकिन स्वाद में बेजोड़. आप दिवाली जैसे त्योंहार पर नारियल के लड्डू बना सकते हैं.
नारियल के लड्डू मावा या कंडेसड मिल्क दोनों से बनाये जा सकते हैं लेकिन मावा से बना नारियल लड्डू अधिक स्वादिष्ट होता है.
नारियल के लड्डू कच्चे नारियल या सूखे नारियल दोनों से बनाये जा सकते है. यदि कच्चा नारियल लें तो इसे कद्दूकस करने के बाद एक चमचा घी में अच्छी तरह भून लीजिये. यदि पका हुआ सूखा नारियल लें तो इसे भूनने की आवश्यकता नहीं है.
ये कहावत भी आपने सुनी होगी, "तिल चटके, जाड़ा सटके". सर्दी का मौसम है और संक्राति आ रही हैं. इस दिन परम्परागत रूप से तिल के लड्डू (Til Ke Laddu ) और दाल के मगोड़े खाया जाता रहा है. आइये हम तिल के लड्डू (Sesame Seed Ladoo) बनायें.
सोंठ के लड्डू (Sonth ke Laddu) पारम्परिक लड्डू हैं जो जच्चा को डिलीवरी के बाद खिलाये जाये हैं. इसके अलावा सोंठ के लड्डू (Dry Ginger Laddu) सर्दी के मौसम में व कमर दर्द से आराम पाने के लिये भी खाये जाते हैं.
बेसन और गुड़ से बनने वाले बेसन के मीड़ा लड्डू, बेसन और गूड़ से बनाये जाते हैं, राजस्थान में ये लड्डू पारम्परिक रूप से दिवाली, होली त्योहारों पर पारम्परिक रूप से बनाये जाते हैं, लेकिन हम इन्हें कभी भी बना सकते है, खासकर सर्दी के मौसम में तो ये लाजबाव होते है.
चूरमा के लड्डू (Churma Laddoo) राजस्थानी व्यंजन है़. बहूत ही स्वादिष्ट मिठाई है. घर में बनी हुई मिठाई का स्वाद तो आप सभी जानते हैं कितनी ज्यादा स्वादिष्ट होती है. फिर आज हम चूरमा के लड्डू बनाते हैं.
विटामिन सी और आयरन से भरपूर आंवला लड्डू बेहद स्वादिष्ट होते हैं. आंवला लड्डू हमारे शरीर में प्रतिरोधक शक्ति पैदा करते हैं. बच्चे जो आंवला खाना पसन्द नहीं करते, वे आंवला लड्डू बड़े प्यार से खाना पसन्द करेंगे.
दीपावली के लिये आप क्या मिठाईयां बनाने जा रहे हैं? इस दीपावली के लिये व्यंजनों की श्रंखला में सूजी मावा के लड्डू प्रस्तुत है. आप इन्हैं बनायें और 15 - 20 दिन तक कभी भी खाइये
बूंदी बनाने के लिये छेद वाले झविया (कलछी) का प्रयोग किया जाता है. झावे के छेद जितने छोटे या बड़े होते हैं बूंदी भी उसी के हिसाब से छोटी या बड़ी बनती है. बूंदी बनाने के लिये सादा बारीक बेसन ही काम में लाया जाता है.
बूंदी को चाशनी में नहीं डाला जाय तब इस फीकी बूंदी को रायता बनाने के काम में लेते हैं.
बूंदी के लड्डू सबसे अधिक पसंद किये जाने वाले लड्डू हैं. किसी भी पूजा या प्रसाद में या किसी भी खुशी के अवसर पर बूंदी के लड्डू (Bundi Ladoo ) अवश्य बनाये जाते हैं.
बाफला या बाटी के साथ चूरमा और चूरमा के लड्डू बहुत पसंद किये जाते हैं. चूरमा अनेको तरह से बनाया जाता है, जैसे बाटी चूरमा, बाजरे का चूरमा, आटे का चूरमा वगैरह. आज हम इसी श्रंखला में पारंपरिक राजस्थानी बेसन का चूरमा बनाने जा रहे हैं.
सर्दी के मौसम में आयरन, कैल्सियम और फाइबर भरपूर बाजरा की रोटी ही नहीं, इसके लड्डू भी बहुत स्वाद और सेहत के लिये पसंद किये जाते हैं. स्वाद की गर्माहट के लिये गुड़ और बाजरे के आटे और गोंद मिलाकर बनाये हुये लड्डू आज ही बनाईये
सर्दियों में आपके परिवार को विशेष रूप से बच्चों को अधिक पौष्टिकता की आवश्यकता होती है. सोयाबीन के आटे से बने पौष्टिक लड्डू इस कमी को सबसे अच्छी तरह से पूरा करते है.
आप चाहें तो सोयाबीन आटे में गेहूं का आटा बराबर की मात्रा में मिला कर बना सकती हैं या 3 भाग सोयाबीन का आटा और 1 भाग गेंहू का आटा मिलाकर भी ये लड्डू बना सकती हैं.
माइक्रोवेव में बेसन के लड्डू (besan laddu) बहुत ही आसानी से और जल्दी बनाये जा सकते हैं कढ़ाई में बेसन भूनते समय काफी समय तक लगातार हाथ चलाने से हाथ थक जाता है, लेकिन माइक्रोवेव में बेसन आसानी से बिना थके बहुत जल्द भून जाता है. आइये आज हम माइक्रोवेव में बेसन के लड्डू (Besan Laddu recipe in Microwave) बनायें.
मेथी के लड्डू एक पारम्परिक रेसीपी है जो मिठाई कम बल्कि औषधीय रूप में अधिक प्रयोग किये जाते हैं. इसका प्रयोग प्रसव के बाद जच्चा को खिलाने के लिये या सर्दियों में होने वाले कमर या जोडों के दर्द की दवा के रूप में किया जाता है.
इस कड़कड़ाती सर्दी में आप अपने घर के बुजुर्ग को मेथी दाना लड्डू बनाकर खिलाईये या घर से दूर रह रहे बुजुर्ग के पास इसे बनाकर भिजवाईये. आपके बुजुर्गों को बहुत खुशी मिलेगी और उन्हें खुश देखकर आप तो निश्चित रूप से खिलखिलायेंगे ही.
सत्तू से हम पेय, परांठे, कचौरी तो बनाते ही हैं लेकिन सत्तू से स्वादिष्ट लड्डू भी बहुत आसानी से और बहुत जल्दी बनकर तैयार हो जाते हैं. किसी त्यौहार पर यदि आपको तुरत फुरत मिठाई बनानी हो तो सत्तू के लड्डू बना लीजिये. सभी को बहुत पसंद आयेगे.
केसर मलाई के लड्डू भी कई तरह से बनाये जाते है. पारंपरिक तरीके में मलाई और पनीर मिलाकर बनाया जाता है. आप इसे मावा में पनीर मिलाकर भी बना सकते हैं, और यदि आपके पास मावा उपलब्ध नहीं तो इसे कन्डेस्ड मिल्क के साथ पनीर को मिलाकर भी बनाया जा सकता है.
मुरमुरा लड्डू के लड्डू बिना घी तेल से बने हुये लड्डू हैं और बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं, बच्चों को ये लड्डू बहुत ज्यादा पसन्द आते हैं,. ये बहुत कम समय में आसानी से बनाये जा सकते हैं.
तिल के व्यंजन सर्दी के मौसम में बनाकर खाये जाते हैं. तासीर में गर्म तिल और गेहूं के आटे से बने लड्डू बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं. बड़ी आसानी से और बहुत जल्द बन जाते है.
गुड़ मेवा के लड्डू सामान्यतय: जच्चा के खाने के लिये बनाये जाते हैं. लेकिन इसमें से सोंठ न डालें तो आप अपने सामान्य खाने के लिये भी उपयोग कर सकते हैं. ये लड्डू स्वादिष्ट होने के साथ साथ, ताकत देने वाले भी होते हैं.