मैदा की पपड़ी बहुत ही स्वादिष्ट नमकीन है. ये पपड़ी आप बना कर एअर टाइट कन्टेनर में रख लें, आप एक महिने तक कभी भी चाय के साथ निकाल कर खा सकते हैं. दीपावली के लिये व्यंजनों की श्रंखला में प्रस्तुत है. मैदा की पपड़ी (Maida Papri)
नमकपारे जैसे कुरकुरे लेकिन कई परतों वाले और कलोंजी का खास स्वाद समेटे निमकी दिखने में बोम्बे काजा जैसे होते हैं, लेकिन स्वाद में नमकीन मसालेदार. इन्हें चाहें तो मसाला की तरह खायें चाहे तो कसूंदी या धनिया चटनी के साथ खायें, दोनों तरह खाने से इसका अद्भुत स्वाद आपको बेहद पसंद आयेगा.
पोटली समोसा, पोटली जैसे बहुत सुदर, एकदम अलग और बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं. सामान्य समोसे की अपेक्षा पोटली समोसा (Potli Samosa) आकार में छोटे होते हैं और इन्हैं किसी भी पार्टी में स्टार्टर के रूप में या किसी भी खास अवसर परोसा जा सकता है, शाम को हल्की फुल्की भूख में,स्नेक्स के रूप में बना कर खाया जा सकता है.
सामान्यतया इन पोटली समोसा (Matar Potli Samosa) में आलू और मटर की मसाला स्टफिंग बना कर भरी जाती है लेकिन आप अपनी मर्जी के अनुसार इनमें मावा, खजूर, पनीर, टोफू, भुनी हुई दाल आदि भी भरकर पोटली समोसा बना सकते हैं.
जब बाज़ार में बिस्कुटों का प्रचलन आम नहीं हुआ था तब उस समय घर में मठरी (Mathari) बनायी जाती थी. इनकी खूबी ये है कि आप इन्हें बनकर एकमहीने तक खा सकते हैं. बस आप इन्हें एयर टाइट कन्टेनर में रखें. तो फिर आज बनाते है मठरियाँ (Matharia).
बृज क्षेत्र यानी आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद आदि इलाके में बनाई जाने वाली फ्राइड बाटी राजस्थानी बाटी से साइज में थोड़ी छोटी और स्वाद में एकदम अलग होती हैं. फ्राइड बाटी को स्टार्टर के रूप में मुख्य खाने में परोसा जा सकता है.
लवंग लतिका बंगाल क्षेत्र की त्यौहारों पर बनने वाली पारम्परिक मिठाई है. चाशनी लपेटी हुई कुरकुरी परत के अन्दर भरी हुई मावा व ड्रायफ्रूट्स की स्टफिंग और ऊपर जड़ी हुई लौंग का सुवासित स्वाद सभी को बेहद पसंद आता है.
हरे धनिये की खस्ता मसाला मठरी (Masala Mathari) साधारण मठरी के मुकाबले बहुत ही स्वादिष्ट बनती है,
साधारण मठरी सिर्फ अजवायन डालकर बनाते हैं लेकिन यह खस्ता मसाला मठरी हरा धनिया को मैदा में गूंथकर बनाते हैं. मसाला मठरी सामान्य मठरी के मुकाबले में अकार में कुछ मोटी होती है लेकिन बहुत ही अधिक खस्ता होती है. हम इसमें हरे धनिये के स्थान पर पालक या मैथी के पत्ते भी मिलाकर बना सकते है. धनिये, पालक (Spinach Masala Mathri) या मैथी (Fenugreek Masala Mathri) तीनों तरह की मठरी का स्वाद मजेदार लेकिन एक दूसरे से अलग होता है. तो आज बनाते हैं छोटी धनिये की खस्ता मठरी.
गुजरात में 2 तरह की बाकरबड़ी बनाई जाती हैं. मसाला भरकर बनाई जाने वाली बाकर बड़ी (Bakarwadi) और आलू में मसाले मिलाकर भरकर बनाई जाने वाली आलू बाकरवडी. मसाला भरकर बनाई बाकर बड़ी को एक माह तक रखा जा सकता है जबकि आलू की बाकरबड़ी की शेल्फ लाइफ सिर्फ एक दिन होती है. बाकरवडी के कुरकुरी परत के अन्दर मसालेदार आलू का मुलायम स्वाद बहुत स्वादिष्ट होता है.
शकर की परत चढे शकरपारे के ऊपर शकर की मिठास से भर पूर बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं, इन्हें किसी भी त्योहार के अवसर पर या कभी भी बना कर रख लीजिये और मीठा खाने का मन हो तब खाइये.
स्वाद में मीठे, एकदम खस्ता, कुरकुरे ठेकुआ बिहार और झारखंड की पारम्परिक रेसीपी है. ठेकुआ को छठ पूजा के मौके पर विशेष रूप से बनाया जाता है. लेकिन इन्हें आप कभी भी बनाईये, कभी खिलाईये.
आप सर्दियों के मौसम में मक्का का कितना प्रयोग कारते हैं? मक्का से बने हुये व्यंजन हमें सर्दी से बचने में मदद करते हैं. आइये आज शाम को चाय के साथ गरमा गरम मक्की की मठरी (Makki ki Mathari) बनाते हैं.
हम बेसन पापडी और मैदा की कुरकुरी पापडी बनाते रहते हैं. इन दोनों पापड़ी के कुरकुरे पन से अलग खास तरह की कुरकुरी चावल के आटे की पापड़ी का स्वाद आपको बेहद पसंद आयेगा.
मैदा से बने नमक पारे (Namak Pare) तो आपको पसंद आते ही होंगे. यदि आप मैदा प्रयोग करने से बचना चाहते है तो आप बेसनपारे अवश्य पसंद करेंगे. बेसन पारे बेसन और गेहूं के आटे से बने बहुत ही स्वादिष्ट नमक पारे हैं, इन्हैं सुबह शाम चाय के साथ स्नेक्स के रूप में खा सकते हैं, बच्चे तो इन्हैं बिस्किट की तरह से खाना पसन्द करते हैं.
इस तेज सर्दी के मौसम के मुताबिक तिल और मक्का के आटा दोनों ही स्वास्थ्य के लिये फायदेमन्द हैं. आइये हम मक्के के आटे और तिल की टिक्की (makka tik ki tikki) बनायें.