पोहे चिवड़ा नमकीन तो अच्छा होता ही है लेकिन खट्टा मीठा मिक्स चिवडा और भी अधिक अच्छा होता है. जो लोग तीखा खाना पसन्द नहीं करते उन्हें भी यह पसन्द आता हैं. छोटे बच्चे तो इस खट्टा मीठा मिक्स चिवड़ा (Khatta Mitha Mix Chivda) बहुत चाव से खाते हैं
थोपा बहुत ही कम तेल से बनने वाला परम्परागत नाश्ता है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं इसके आसपास के राजस्थान के ग्रामीण अंचलों में खाया और पसंद किया जाता है.
बेडमी पूरी (Bedmi Poori) केवल दिल्ली आगरा ही नहीं समूचे ब्रज अंचल का सुबह सुबह खाया जाने वाला मनपसंद नाश्ता है. ये बेड़मी पूरी कहीं मूंग की दाल और कहीं उरद की दाल डाल कर बनाई जाती है़.
चीला को आप उत्तर भारत का दोसा भी कह सकते है. यह नमकीन होता है और मीठा भी. कम तेल में बना चीला एक स्वादिष्ट नाश्ता तो है ही, आप इसे अपने बच्चे के टिफिन में भी रख सकते हैं.
मीठे चीला गुड़ और चीनी दोंनो से बनाये जा सकते हैं, लेकिन आज हम ये मीठे चीला गुड़ डाल कर बना रहे हैं.
गुलगुले पुये या मीठे पुये (Gulgule Pua Recipe) बहुत ही आसान रेसीपी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घर की नई वधु किचन में पहला पकवान बनाती है वह है मीठे पुये या गुलगुले (Gulgule Pua). धार्मिक कार्यों और पूजा में भी ये मीठे पूआ बनाये जाते हैं. मालपुआ जहां फैले हुये होते हैं गुलगुले पुआ पकौड़े के आकार में होते हैं.
अगर आप मीठा पसन्द करते हैं तब आपको ये मीठे गुलगुले पुये बहुत पसन्द आयेंगे.
चंदिया त्यौहारों के दूसरे दिन बनाई जाती है. शादी विवाह में भी वधू के आने पर चंदिया बनाई जाती है. जब अधिक मीठा और तला हुआ खाने से आपका पेट परेशान हो लेकिन आपका मन कुछ मजेदार खाने को करे तो आप चंदिया बना सकते हैं.
चंदिया छिलका वाली उरद की दाल से या धुली उरद की दाल से बनाई जाती है, लेकिन छिलका उरद दाल से बनी चंदिया ज्यादा स्वादिष्ट होती है. आइये चंदिया बनाना शुरू करते हैं.
मिठाइयों में गुलाब जामुन सबसे ज्यादा पसन्द की जाने वाली मिठाई है. गुलाब जामुन मावा से बनाये जाते हैं, लेकिन बहुत सारी जगह पर मावा नहीं मिलता है, तो गुलाब जामुन को मिल्क पाउडर से बनाया जा सकता है, और मिल्क पाउडर से बने गुलाब जामुन उतने ही सोफ्ट और स्वादिष्ट बनते हैं जितने कि मावा से बने गुलाब जामुन होते हैं.
कद्दू की पूरी (Red Pumpkin Poori) नमकीन भी बनतीं है और मीठी भी. कद्दू की नमकीन पूरी पूरियों जैसी नरम होती है लेकिन इनका स्वाद खाने में कचौरियों जैसा होता है. आप त्यौहार पर यदि कुछ विशिष्ट प्रकार की पूरियां बनाना चाहें तो कद्दू की नमकीन पूरी (Red Pumpkin Masala Poori) बनाकर देखिये.
उत्तर भारत का सबसे अधिक लोकप्रिय स्ट्रीटफूड दहीवड़ा / दही भल्ला या दही पकौड़ी या दही गुजिया लगभग सारे त्यौहार, दावतें में अवश्य परोसी जाती हैं. उरद -मूग दाल से बने दही भल्ले, दही पकौड़ी और दही गुजिया पर विस्तृत वीडियो सहित यह रेसीपी प्रस्तुत है.
अनरसे दिवाली और होली जैसे त्यौहारों पर कई तरह से ओर कई आकार में बनाये जाते हैं. दक्षिण भारत में इसके अन्य प्रचलित रूप को अधिरसम एवं हिमाचल, उत्तराखंड में इसे अरसा भी कहा जाता है. आज हम गुड़ और खस खस या तिल मिलाकर अनरसा यानी कि अधिरसम बनायेंगे.
मक्खन के अनेकों रूप प्रचलित है. जैसे मक्खन मलाई, जो कि एकदम गाड़े झाग जैसे होता है, मक्खन जो दही को बिलो कर बनाया जाता है और पारम्परिक ब्रज माखन (Brij Makhan) जो दही बांध कर बनाया जाता है.
आज जमष्टमी हैं आप ब्रज माखन बना सकती है. ब्रज माखन बहुत ही स्वादिष्ट बनता है. यह बड़ा ही शीतल और ताकत देने वाला होता है.कृष्ण कन्हैया को ब्रज माखन बहुत ही पसन्द था. अपको भी बहुत पसन्द आयेगा. आइये आज हम ये स्वादिष्ट ब्रज माखन बनायें.
सूजी और सूखे मेवे को मिला कर बनाई हुइ गुजिया स्वाद में तो बेहतर होती ही हैं, इनकी शेल्फ लाइफ अन्य गुजिया के मुकाबले अधिक भी होती है. यदि गुजिया बनाने के लिये मावा उपलब्ध न हो तो फिर सूजी की गुजिया बनाना एक बेहतर विकल्प रह जाता है.
बूंदी के लड्डू सबसे अधिक पसंद किये जाने वाले लड्डू हैं. किसी भी पूजा या प्रसाद में या किसी भी खुशी के अवसर पर बूंदी के लड्डू (Bundi Ladoo ) अवश्य बनाये जाते हैं.
दालें हमारे रोजाना के खाने का मुख्य अंग है, ये प्रोटीन के बहुत बड़े स्रोत हैं. अरहर की दाल उत्तर भारत में प्रमुखता से खायी जाती है, इसे तुवर की दाल (Tuvar ki dal or Toor ki dal) भी कहते हैं, अरहर की दाल को हम अलग अलग तरीके से बना सकते हैं, हम दाल को पहले से ही बघार देकर बना सकते हैं और दाल बनने के बाद भी बघार बना कर डाला जा सकता है.
बेड़मी पूरी और नागोरी पूरी दिल्ली की खास पूरियां है जो सुबह सुबह नाश्ते में खायी जाती हैं. आकार में सामान्य पूरी से छोटी, फूली फूली नागोरी पूरी को आलू मसाला सब्जी और सूजी के हलवेके साथ बनाकर परोसा जाता है. नागौरी पूरी का खास बिस्कुटी कुरकुरा स्वाद आप सभी को बहुत पसंद आयेगा.
मीठा पिठ्ठा बंगाल में मकर संक्राति या काली पूजा के समय बनाकर खाया जाता है, वहां सर्दियों के दिनों में भी गरमा गरम मीठा पिठ्ठा बना कर खूब खाया जाता हैं. नमकीन पिठ्ठा को उत्तर प्रदेश में मैन फरा या फरा (Fara) भी कहा जाता है. नमकीन पिठ्ठा नाश्ते में आप कभी भी बनाकर खा सकते हैं. नमकीन पिठ्ठा खाने में बड़े ही स्वादिष्ट लगते है़.
पेठा का नाम आते ही आगरा याद आ जाता है, जी हां पेठा मुख्य रूप से आगरा में ही बनाया जाता है. पेठा मिठाई (Petha Sweets) बनाने में घी या तेल का प्रयोग बिलकुल भी नहीं किया जाता. पेठा बनाने के लिये पेठे का फल अच्छा पका होना चाहिये, पके फल का कलर हल्का हो जाता है और उसका छिलका सख्त होता है
तिल के व्यंजन सर्दी के मौसम में बनाकर खाये जाते हैं. तासीर में गर्म तिल और गेहूं के आटे से बने लड्डू बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं. बड़ी आसानी से और बहुत जल्द बन जाते है.
अरबी को कई तरह से बनाते हैं लेकिन फ्राइड मखाने को मिलाकर बनाया गया रसेदार अरबी का झोल का कोई जबाव नहीं. ये ब्रजभूमि यानी कि आगरा मथुरा क्षेत्र में तो बहुत ही पसंद किया जाता है.
सब्जियाँ और दालें करीब करीब हम रोजाना ही खाते हैं, जब कुछ अलग खाने को मन करता है तो हम कढ़ी (Dahi Besan Kadi) बनाते हैं. कढ़ी कई प्रकार की होती है. पकोड़े की कढ़ी प्रमुख है. यह उत्तर भारत में बनाई जाती है.आज प्रस्तुत है, बेसन कढ़ी पकोड़ा (Kadhi Pakoras Recipe ). इसे आप रोटी, नान या चावल के साथ खा सकते हैं.