हम यहां मूंग दाल की बड़ियां बना रहे हैं, लगभग इसी तरह सभी प्रकार की बड़ियां बनाई जाती हैं, आपको अपने स्वाद के अनुसार सामग्री लेनी होगी: जैसे उरद की दाल की मसाले वाली बड़ी (Urad Dal Masala Badi), चने की दाल की बड़ी (Chana Dal badi), चने की दाल की बड़ी लौकी या पेठा फल डाल कर भी बनाई जाती हैं. बड़ियों को आप अपने अनुसार छोटी या बड़ी बना सकती हैं,
जब भी कभी छुट्टी हो, घर में मेहमान हों, और आप गप शप में दिन बिता रहे हों तो दाल बाटी (Daal Baati) यानी दाल बाफला (Dal Bafla) बनाईये. इसे बनाते समय आप बीच बीच में अपनी गप शप भी करते रहिये. आपको इन्हें बनाते समय बातचीत के लिये भरपूर समय मिलेगा और आप स्पेशल खाना भी तैयार कर सकेंगे.
बाटी कई तरह से बनाई जाती है. जैसे बाटी को उबाल कर बनाई हुई बाफला बाटी, मसाले और स्टफिंग भरी हुई भरवां बाटी या फ्राइड बाटी वगैरह. आज हम मिक्स आटे में दरदरे कुटे मसाले डालकर बनाई गई राजस्थानी मसाला बाटी बना रहे है.
साबुत लसोड़े का अचार (Gunda Pickle) दो तरीके से बनाया जाता हैं, एक तो बिना मसाले का और दूसरा मसाले के साथ, बिना मसाले के लसोड़े बच्चों को बहुत पसन्द आते हैं लेकिन मसाले वाले लसोड़े भी बड़े स्वादिष्ट होते हैं. लसोड़े का अचार (Lasodaa Achar) तो मेरे घर में सबको बहुत ज्यादा पसन्द है.
बेसन का हलवा झटपट तैयार हो जाता है और इसका स्वाद भी लाजवाब होता है. अगर इसे पारंपरिक राजस्थानी ढंग से बनाया जाए तो यकीन मानें आप इसका स्वाद कभी नहीं भूल पाएंगे.
कच्ची हल्दी की सब्जी (Haldi ki Subzi) राजस्थान की परम्परागत सब्जी है जो शादी या अन्य मांगलिक अवसरों पर बनाई जाती है. कच्ची हल्दी की (Haldi ki Sabzi) सब्जी सर्दियों के मौसम में बनाई जाती है, कच्ची हल्दी आती ही सर्दियों के मौसम में है. कच्ची हल्दी पीले कलर की अदरक की तरह गांठे होती है. हल्दी खाने में बहुत गरम होती है, जुकाम या सर्दी से होने वाले दर्द में लाभदायक है.
राजस्थान में बनाई जाने वाली पारम्परिक सब्जी है, जब फ्रिज में हरी सब्जियां न हो लेकिन कुछ स्पेशल भी बनाना हो तो राजस्थानी पिटौर की सब्जी (Rajasthani Pitod ki Sabzi) बनाकर देखिये.
हल्के चरपरी स्वाद वाली सेंगरी या मूंगरा सर्दियों से अनेक तरह की सब्जियां बनाई जातीं है. राजस्थान में मूंगदाल की मंगोड़ी को मिलाकर बनाई जाने वाले स्वादिष्ट सेंगरी मंगोड़ी बहुत पसंद की जाती है.
भिन्डी को कई तरह से बनाया जाता है, जैसे भिन्डी में ज्यादा मसाला डालकर, भिन्डी में बहुत ही कम मसाला डालकर, टमाटर वाली भिन्डी, दही भिन्डी, कुरकुरी तली हुई भिन्डी, बेसन वाली आलू भिन्डी, बेसनी भिन्डी आदि . बेसनी भिन्डी (Okra & gram flour sabzi) बेसन मसाला को भिन्डी में स्टफ (okra with gram flour stuffing) करके भी बनाई जातीं है और मसाले में बेसन भूनकर भी. आज हम मसाले के साथ बेसन भून कर लाजबाव बेसनी भिन्डी बना रहे हैं.
गोविन्द गट्टे की सब्जी (Govind Gatte ki Sabzi) राजस्थानी सब्जी है, मावा मसाला भरवां गोविन्द गट्टे की सब्जी को हम किसी भी त्यौहार पर या किसी भी पार्टी के लिये बना सकते हैं.
बाफला या बाटी के साथ चूरमा और चूरमा के लड्डू बहुत पसंद किये जाते हैं. चूरमा अनेको तरह से बनाया जाता है, जैसे बाटी चूरमा, बाजरे का चूरमा, आटे का चूरमा वगैरह. आज हम इसी श्रंखला में पारंपरिक राजस्थानी बेसन का चूरमा बनाने जा रहे हैं.
कैर सांगरी (Kair and Sangri Sabzi) राजस्थान की ज्यादा तेल और ज्यादा मसाले के साथ बनने वाली चटपटी सब्जी है, कैर छोटे छोटे गोल गोल होते हैं, और सांगरी 2-4 इंच लम्बी पतली फली होती हैं. कैर और सांगरी के पेड़ राजस्थान में मिलते हैं. वहां के लोग सीजन में ताजा फलों से कैर, सांगरी की सब्जी बनाते हैं और बाद के लिये कैर और सांगरी को अच्छी तरह सुखा कर रख लिया जाता है, जब भी सब्जी बनानी हो इसे पानी या छाछ में भिगो कर बना लिया जाता है. सूखी हुई कैर सांगरी बड़े शहरों में किसी बड़ी किराना स्टोर पर मिल जाते हैं, कैर सांगरी को राजस्थाने की मेवा भी कहा जाता है. कैर सांगरी इसका स्वाद इतना अच्छा और अलग हैं कि आप इसे बनायेंगे तभी जान पायेंगे.
गुजरात में कच्चे आम को कद्दूकस कर के आम का छुन्दा (Mango Chhunda) बनाते हैं जबकि राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कच्चे आम की लोंजी (Raw Mango Launji) बनायी जाती है. आम की लौंजी (Kairi ki Launji) का खट्टा मीठा स्वाद आपको बहुत भायेगा. बच्चों के टिफिन में परांठों के साथ अम की लौंजी (Aam ki Launji) को भी रखा जा सकता है. आईये आज आम की लौंजी बनाते हैं
चूरमा के लड्डू (Churma Laddoo) राजस्थानी व्यंजन है़. बहूत ही स्वादिष्ट मिठाई है. घर में बनी हुई मिठाई का स्वाद तो आप सभी जानते हैं कितनी ज्यादा स्वादिष्ट होती है. फिर आज हम चूरमा के लड्डू बनाते हैं.
बेसन और गुड़ से बनने वाले बेसन के मीड़ा लड्डू, बेसन और गूड़ से बनाये जाते हैं, राजस्थान में ये लड्डू पारम्परिक रूप से दिवाली, होली त्योहारों पर पारम्परिक रूप से बनाये जाते हैं, लेकिन हम इन्हें कभी भी बना सकते है, खासकर सर्दी के मौसम में तो ये लाजबाव होते है.
बेसन के गट्टे (Rajasthani Besan ke Gatte) की सब्जी राजस्थान की स्पेशल डिश है. स्पेशल तो है ही और खाने में भी बहुत स्वादिष्ट है. आप भले ही राजस्थान में रहते हों या राजस्थान से बाहर आपको ये सब्जी बहुत पसंद आयेगी. आइये आज खाने के साथ बेसन के गट्टे की सब्जी बनायें.
बेसन की कढ़ी तो आप सभी पसंद करते ही होंगे, मूंग दाल या चने की दाल से बनी कढी का स्वाद बेसन की कढी से एकदम हटकर होता है. आईये आज मूंग दाल की कढी बनायें.
बेसन का हलवा कई तरह से बनाया जाता है लेकिन खास राजस्थानी पारम्परिक तरीके से बनाये गये बेसन हलवा का कोई जबाव नहीं होता. झटपट और आसान तरीके से बनाये गये इस बेसन हलवा (Besan Halwa ) का स्वाद आप आसानी से नहीं भूल पायेंगे.